
रायपुर में चंगोराभाठा के एक घर से नक्सली पति-पत्नी गिरफ्तार हुए हैं। इन अर्बन नक्सलियों ने इलाज के बहाने एक महीने पहले ही किराए पर घर लिया था। हालांकि आरोपी रायपुर के अलग-अलग इलाकों में लंबे वक्त से रह रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, युवक ने कई बड़े अफसर के घर ड्राइवर और गार्ड की नौकरी भी की है। फिलहाल युवक को पुलिस ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। वहीं महिला को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
5-6 सालों से रायपुर में रहने की आशंका
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सल पति-पत्नी का नाम जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28) और कमला कुरसम (27) साल है। यह मूल रूप से बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं।
वर्तमान में यह डीडी नगर थाना क्षेत्र के चंगोराभाठा इलाके में रह रहे थे। साल 2017-18 में नक्सली संगठन में एक्टिव हुए। पुलिस को आशंका है कि दोनों पति-पत्नी रायपुर में बीते 5-6 सालों से निवास कर रहे थे।
फर्जी आधार कार्ड देकर लिया था किराया का मकान
शुरुआती पूछताछ में यह भी सामने आया है कि जग्गू उर्फ रमेश कई बड़े अधिकारियों के घर पर गार्ड और ड्राइवर संबंधी नौकरी कर चुका है। जिस मकान से यह गिरफ्तार हुए हैं वहां यह 1 महीने पहले ही शिफ्ट हुए थे।
मकान मालिक को कमला कुरसम ने अपना फर्जी आधार कार्ड दिया था। जिसमें उसका नाम फर्जी लिखा था। पति-पत्नी ने किराए पर मकान लेने के पीछे वजह अस्पताल में इलाज बताया था।
डीडी नगर पुलिस ने पकड़ा
रायपुर पुलिस को इंटेलिजेंस के माध्यम से सूचना मिली कि एक महिला पुरुष नक्सलियों के शहरी नेटवर्क में शामिल है। वे लगातार नक्सल संगठन को कई प्रकार की सूचना भेज कर मदद कर रहे हैं।
जिसके बाद आरोपियों को ट्रेस किया गया। लोकेशन डीडी नगर थाना के चंगोराभाठा में पता चली। जिसके बाद फौरन डीडी नगर पुलिस ने मकान की घेराबंदी कर ली।
मकान के अंदर दोनों पति-पत्नी मौजूद थे। वे पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करने लगे। लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सच सामने आ गया। बताया जा रहा है कि आरोपियों के घर से पुलिस को कई अहम दस्तावेज भी हाथ लगे हैं।
साथ ही पुलिस ने मोबाइल और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किया है। जिसमें आरोपियों की नक्सली संगठन से जुड़े होने और इनकी भूमिका का पता चलेगा।
बिलासपुर NIA कोर्ट में केस
गुरुवार को पुलिस ने इन नक्सली पति-पत्नी को गिरफ्तारी के बाद इन्हें बिलासपुर के NIA कोर्ट में पेश किया। जहां महिला को कोर्ट ने न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा है। वहीं जग्गू उर्फ रमेश को पुलिस रिमांड में लिया गया है।
आरोपी से पूछताछ में सामने आएगा कि उसने किस तरह की जानकारी नक्सल संगठन को भेजी है। इसके अलावा उसने किन-किन अधिकारियों के यहां नौकरी की है। फिलहाल इस पूरे मामले में किसी भी एजेंसी ने कोई खुलासा नहीं किया है।